इंसान बहुत अजीब होते हैं. इनके जैसा आत्मकेन्द्रित और हर समय सिर्फ अपने ही बारे में सोचने का इनका शौक इनके लिए तो हितकर हो सकता है लेकिन प्रकृत्ति के अन्य जीवों और कृतियों को उनके इस स्वभाव की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है. जैसे कि हमने पहले ही कहा कि इंसान सेल्फिश है इसलिए उसे इस बात का कोई फर्क भी नहीं पड़ता कि उसकी मानसिकता और दूसरों के प्रति उदासीन रवैया रखने से अन्य जीवों को क्या-क्या कीमत चुकानी पड़ सकती है.
बेजुबान जानवर और इंसान का सबसे वफादार कहा जाने वाला कुत्ता भी इन सबसे अलग नहीं है क्योंकि जब उसका सहारा, उसका घर उससे छिन जाता है तो हम ‘इंसानों’ की नजरों में वो भी खटकने लगता है. गली में आवारा घूमते इन जानवरों को देखकर भी आपके मन में ये ख्याल आता होगा कि ‘ये मर क्यों नहीं जाते’!! अगर ऐसा है तो सच मानिए आप अकेले नहीं हैं क्योंकि इस दुनिया में हजारों लोग इन निर्दोषों के जान के दुश्मन हैं. हां, कुछ हितैषी भी हैं लेकिन उनके होने से क्या होता है, मेजोरिटी तो उन्हें अपना सबसे बड़ा दुश्मन समझ बैठी है:
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