आजकल युवा ताकत पर बहुत बहस होती है और आज युवाओं की बड़ी ताकत है सोशल मीडिया. कुछ भी कहना हो, कुछ भी करना हो बस एक फेसबुक और ट्विटर के फासले पर हर एक्शन, हर बहस है. कोई आंदोलन करना हो, विरोध मार्च हो, शोक सभा हो, हर चीज एक फेसबुक अपडेट की दूरी पर है. अपडेट डालो, उसे शेयर करते हुए इतना फैला दो कि हजार लोग एक-दूसरे को न जानते हुए भी एक क्रांति के नशे में सड़कों पर उतर जाएंगे. और कुछ नहीं तो 50-100 लाइक्स और कमेंट्स तो आ ही जाएंगे.
एक युवा सामाजिक मुद्दों को लेकर कितना संजीदा है यह वीडियो देखकर आप भी समझ जाएंगे. शायद आपके सामने एक सवाल हो लेकिन उसका जवाब भी सिर्फ आपके ही पास है. देखें वीडियो:
“आज सड़क पर किसी लड़की को छेड़ते हुए देखा, किसी ढाबे पर बच्चे को पिटते हुए देखा, फुटपाथ पर भीख मांगने के लिए एक भले-चंगे आदमी को अपनी मां को भीख मांगने के लिए छोड़कर जाते देखा….और देखकर दिल पसीज गया. ये दुनिया किस ओर जा रही है….यह दुनिया कितनी निरीह लगती है कि दूसरों के दर्द से कोई वास्ता नहीं..”, आए दिन ऐसे कई स्टेटस युवाओं के फेसबुक, ट्विटर पर देखने को मिल जाते हैं. देखकर एक बार को सुकून मिलता है कि आज का युवा सामाजिक मुद्दों के प्रति भी संजीदा है. हां, संजीदा तो है लेकिन यह सिर्फ कहने के लिए ही हो सकता है, दिखावे के लिए सहानुभूति पाने के लिए यह स्टेटस अच्छा है लेकिन अगर स्टेटस डालने की बजाय कुछ किया होता तो सचमुच में एक बदलाव आता और कुछ बदलावों के साथ वह स्टेटस एक बदलाव की पहल भी बन सकता था.
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