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रोती-चीखती लड़की को अनसुना कर गए लोग, बलात्कार के एक लाइव किस्से में लोगों का रिएक्शन देखकर दंग रह जाएंगे आप

बदलाव की बात तो हम सभी करते हैं लेकिन हम भी बदलाव का एक हिस्सा हैं. हमें कितना बदलाव चाहिए और और कितना बदलाव होगा यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि हम उस बदलाव के लिए खुद को कितना बदल रहे हैं. अगर हम नहीं बदलते तो बदलाव भी नहीं होगा.


पढ़ने वालों के लिए यह थोड़ा पेचीदा हो सकता है लेकिन बात बिल्कुल सटीक है. लड़कियों की इज्जत से खिलवाड़ होने पर लोग ऐसे लोगों को 50 गालियां देने से नहीं चूकते, सरकार को लड़कियों की सुरक्षा कर पाने में अक्षम बताते हुए निर्भया बलात्कार जैसे मामलों कैंडल मार्च, धरना करने, पुलिस की पानी की बौछारें खा सकते हैं लेकिन वही लोग अपने सामने किसी लड़की से होती छेड़कानी देखकर मुंह छिपाकर निकल जाते हैं या यह उनके लिए मजे की बात है. बलात्कार जैसे संवेदशील मुद्दे पर एक सोशल साइट द्वारा किए गए सोशल एक्सपेरिमेंट में लाइव बलात्कार पर लोगों का जो रिएक्शन नजर आया वह वास्तव में शर्मनाक है. अपनी बहन और बेटी की सुरक्षा के लिए हमेशा चौंकन्ने रहने वाला युवा वर्ग किसी गैर-लड़की की चीख को किस तरह अनसुना करता है यह देखकर चौंक जाएंगे आप. देखें वीडियो:


आप समझ ही गए होंगे कि यह वीडियो एक सोशल एक्सपेरिमेंट का हिस्सा है. खिड़कियों पर ब्लैक फिल्म लगी किराए की कार में एक मदद के लिए रोती-चीखती लड़की की एक फेक ऑडियो चलाकर छोड़ दी ताकि गुजरने वालों को लगे कि अंदर किसी लड़की के साथ कुछ बुरा किया जा रहा है. कई युवा गुजरे लेकिन इसे सुनकर भी किसी ने उसकी मदद करने की नहीं सोची. हां, कुछ युवा और एक बूढ़े चौकीदार में इतनी इंसानियत नजर आई कि लड़की के साथ होता अन्याय की आवाज सुन वे अपनी परवाह छोड उसकी मदद के लिए आए.


यह एक साधारण सोशल एक्सपेरिमेंट वीडियो है लेकिन हमारी सोशल मानसिकता का आइना है. जवाब है इस बात का अगर लोग कहते हैं बदलाव होना आसान नहीं. बदलाव होंगे लेकिन सिर्फ नारे लगाने से बदलाव नहीं हो सकते, इसके लिए सबसे हमें बदलना जरूरी है.

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