भारतीय क्रिकेट टीम के साथ एक कहावत जुड़ी है कि जब तक भारत आखिरी रन या आखिरी विकेट लेकर मैच ना जीत ले तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता और यह ऐसे ही नहीं कहा जाता इसके पीछे एक बड़ी वजह भी है. शायद ही भारत में क्रिकेट प्रेमी 1996 क्रिकेट विश्व कप के उस मैच को भूल पाए होंगे जिसमें भारत को श्रीलंका के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था.
कहते हैं क्रिकेट में सब कुछ मुमकिन है पर जो टीम पूरे विश्व कप में बेहतरीन फॉर्म में हो लेकिन जब मंजिल बिलकुल पास हो तब वह दम तोड़ दे तो अजीब लगता है ना. इस मैच में भी भारतीय क्रिकेटरों ने मंजिल तक पहुंच कर ठीक मंजिल से पहले ही दम तोड़ दिया. इस मैच के बाद दर्शकों ने जहां मैदान पर आग लगाकर अपने गुस्से का इजहार किया था वहीं खिलाड़ियों की आंखों से आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे. आलम यह था कि कमेंटरी कर रहे रवि शास्त्री की आवाज में भी रोने का अहसास था. वैसे तो कोई भी इस मैच को याद नहीं करना चाहता पर क्रिकेट के चाहने वालों के लिए इस इतिहास की भी अलग कहानी है. तो चलिए एक बार फिर महसूस करें वह लम्हां.
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