12 अक्टूबर, 2011 को सुप्रीम कोर्ट के ठीक सामने बने न्यू लॉयर्स चैम्बर स्थित चैम्बर क्रमांक 301 में कुछ लोगों ने अधिवक्ता और अन्ना हज़ारे पक्ष के सदस्य प्रशांत भूषण से मारपीट की. बताया जाता है कि इन युवकों ने जम्मू कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की भूषण की टिप्पणी के विरोध में उन पर यह हमला किया. हज़ारे पक्ष के अहम सदस्य और जनलोकपाल आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक भूषण पर हमले की घटना को टीवी चैनलों ने भी दिखाया.
दो लोग उनके कमरे में घुसे ‘कश्मीर, कश्मीर’ करते हुए उन पर हमला कर दिया. भूषण एक टीवी चैनल को साक्षात्कार देने की तैयारी कर रहे थे, तभी हमलावरों ने उन्हें थप्पड़ मारे और फिर उनका चश्मा खींच लिया. युवकों ने उन्हें कुर्सी से उठाकर जमीन पर गिरा दिया और उनसे मारपीट की. भूषण की मदद के लिए आगे आए उनके सहायक से भी हमलावरों ने मारपीट की. एक हमलावर इंदर वर्मा को पकड़ लिया गया. दो अन्य हमलावर भागने में कामयाब रहे.
क्या वाकई कोर्ट चैंबर में घुसकर मारना आसान है?
इस घटना ने उपरोक्त सवाल को और भी बड़ा बना दिया है. हम सब जानते हैं सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा बहुत कड़ी होती है पर इस कड़ी सुरक्षा के बाद अगर कोई वकील को ऐसे मार सकता है तो गवाहों और कैदियों की तो खैर नहीं. यह सब हम इस वीडियो को देखकर कह रहे हैं जिसमें प्रशांत भूषण के साथ मारपीट की गई है.
आइए वीडियो के जरिए जानते हैं पूरी सच्चाई
सौजन्य: टाइम्स नाउ
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