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कपालभाती प्राणायाम : एक योग अनेक समाधान


यूं तो योग की हर विधि कारगर होती है लेकिन कपालभाती प्राणायाम को सबसे कारगर माना जाता है. कपालभाती प्राणायाम को हठयोग में शामिल किया गया है. प्राणायामों में यह सबसे कारगर प्राणायाम माना जाता है. यह तेजी से की जाने वाली रोचक प्रक्रिया है. मस्तिष्क के अग्र भाग को कपाल कहते हैं और भाती का अर्थ ज्योति होता है. कपालभाती प्राणायाम धरती का संजीवनी कहलाता है.

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सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर सांसों को बाहर छोड़ने की क्रिया करें. सांसों को बाहर छोड़ने या फेंकते समय पेट को अंदर की ओर धक्का देना है. ध्यान रखें कि श्वास लेना नहीं है क्योंकि उक्त क्रिया में श्वास अपने आप ही अंदर चली जाती है.

यह प्राणायाम आपके चेहरे पर कांति यानि चमक लाता है. इससे दातों और बालों के सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं. शरीर की चरबी कम होती है. यह कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी पेट से संबंधित समस्या में भी लाभदायक है. इसका सबसे ज्याद प्रभाव पड़ता है शरीर और मन के सभी प्रकार के नकारात्मक तत्वों पर. कपालभाती आपके तन-मन में सकारात्मक तेज लाती है.

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